आयोग की स्थापना और उद्देश्य
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पहले कई अलग-अलग संस्थाओं द्वारा संचालित की जाती थी, जिससे चयन प्रक्रिया में जटिलता और अनियमितताएँ बनी रहती थीं। इसे सुधारने के लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 को पारित किया और एक एकीकृत भर्ती निकाय की स्थापना की।
मुख्य उद्देश्य:
- पारदर्शी और त्वरित भर्ती प्रक्रिया: आयोग शिक्षकों की भर्ती को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित करेगा।
- अलग-अलग संस्थाओं की भर्ती प्रक्रियाओं को एकीकृत करना: इससे उम्मीदवारों को बार-बार अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल नहीं होना पड़ेगा।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: योग्य और कुशल शिक्षकों की भर्ती से शिक्षण स्तर में सुधार होगा।
- डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना: ऑनलाइन आवेदन, परीक्षा और परिणाम प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
आयोग की संरचना और कार्य प्रणाली
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की संरचना और कार्य प्रणाली को इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है:
आयोग की संरचना:
- आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे।
- अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) तक होगा।
- कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अध्यक्ष या सदस्य नहीं बन सकेगा।
- आयोग का मुख्यालय प्रयागराज में स्थापित किया जाएगा।
भर्ती प्रक्रिया
आयोग विभिन्न प्रकार के शिक्षकों की भर्ती करेगा, जिसमें शामिल हैं:
- बेसिक शिक्षा: परिषदीय विद्यालयों (प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों) में शिक्षक भर्ती।
- माध्यमिक शिक्षा: अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों और जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती।
- उच्च शिक्षा: राज्य के विश्वविद्यालयों और सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर और अन्य शिक्षकों की नियुक्ति।
- तकनीकी शिक्षा: पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती।
भर्ती प्रक्रिया के प्रमुख चरण
- अधिसूचना जारी करना: आयोग भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करेगा, जिसमें पदों की संख्या, शैक्षणिक योग्यता और परीक्षा प्रक्रिया की जानकारी होगी।
- ऑनलाइन आवेदन: उम्मीदवार ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।
- लिखित परीक्षा: मेरिट के आधार पर लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी।
- साक्षात्कार और दस्तावेज़ सत्यापन: परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार और दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा।
- नियुक्ति पत्र जारी करना: सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
नवीनतम परीक्षाओं की जानकारी
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर, टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और पीजीटी (स्नातकोत्तर शिक्षक) भर्ती परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव किया है।
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असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा:
- नई तिथि: 16 और 17 अप्रैल 2025
- पहले यह परीक्षा 16 और 17 फरवरी 2025 को होनी थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया।
- यह तीसरी बार है जब परीक्षा तिथि बदली गई है।
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टीजीटी और पीजीटी परीक्षा:
- नई तिथि: अभी घोषित नहीं की गई, जल्द जारी होगी।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के लाभ
- निष्पक्ष भर्ती: आयोग भर्ती में भ्रष्टाचार और सिफारिशों को खत्म करने का प्रयास करेगा।
- समय पर भर्तियाँ: शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तेज होगी, जिससे स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की कमी नहीं होगी।
- एकल परीक्षा प्रणाली: अलग-अलग संस्थाओं की बजाय एक ही आयोग सभी शिक्षकों की भर्ती करेगा, जिससे उम्मीदवारों को राहत मिलेगी।
- डिजिटलाइजेशन: ऑनलाइन आवेदन और परीक्षा प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे पेपर लीक जैसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन राज्य की शिक्षा प्रणाली में बड़ा सुधार है। इससे शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कुशल बनेगी, जिससे योग्य उम्मीदवारों को आसानी से नौकरी मिल सकेगी। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और युवाओं को रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
आयोग की भर्ती प्रक्रियाओं और आगामी परीक्षाओं से संबंधित नवीनतम जानकारी के लिए अभ्यर्थियों को आयोग की आधिकारिक वेबसाइट और सरकारी अधिसूचनाओं पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
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