UP Shikshak Bharti 2025:उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर फिर एक बार अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है, जिससे हजारों अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं। अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने शासन को इस संबंध में बड़ी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें यह बताया गया है कि आवश्यक अधियाचन (रिक्त पदों का ब्योरा) उच्च शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से अब तक नहीं भेजा गया है।
आयोग का आरोप: कई बार पत्राचार के बावजूद नहीं मिली प्रतिक्रिया
आयोग के अनुसार, रिक्त पदों की जानकारी के लिए बार-बार पत्राचार किया गया, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा परिषद ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। शासन ने जब इस देरी का कारण जानने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय के अफसरों से स्पष्टीकरण मांगा, तो पूरी कहानी तकनीकी पेचीदगियों में उलझी नजर आई।तकनीकी कारण या प्रशासनिक लापरवाही?
निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग ने यूपीपीएससी (U.P. Public Service Commission) के प्रारूप पर अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों से असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों की जानकारी मांगी है। लेकिन आयोग का ऑनलाइन पोर्टल फिलहाल केवल राजकीय महाविद्यालयों की भर्तियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। चूंकि अशासकीय सहायता प्राप्त संस्थानों के सेवा नियम और संरचना भिन्न हैं, इसलिए उस प्रारूप में अधियाचन भेजना फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा है।भर्ती प्रक्रिया में हो सकती है देरी
इस प्रशासनिक भ्रम और तकनीकी असंगति के चलते भर्ती प्रक्रिया में और देरी हो सकती है। इससे न केवल हजारों रिक्त पदों पर नियुक्तियां रुकी हुई हैं, बल्कि अभ्यर्थियों की तैयारी और भविष्य भी प्रभावित हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि शासन को जल्द ही इन तकनीकी पेचों को हल कर एक स्पष्ट मार्गदर्शन जारी करना चाहिए ताकि चयन आयोग सुचारु रूप से अपनी प्रक्रिया को आगे बढ़ा सके।असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षाओं की नई तारीखें घोषित
इस बीच आयोग ने कुछ विषयों की परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव करते हुए नई जानकारी भी साझा की है। असिस्टेंट प्रोफेसर (संगीत - तबला) विषय की परीक्षा अब 17 अप्रैल को प्रातः 9:30 बजे से 11:30 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं, एशियन कल्चर विषय की परीक्षा 16 अप्रैल को अपराह्न 2:30 बजे से 4:30 बजे तक निर्धारित की गई है। ये परीक्षाएं प्रयागराज समेत अन्य प्रमुख जिलों में दो पालियों में आयोजित होंगी।अभ्यर्थियों में बढ़ रही बेचैनी, सोशल मीडिया पर उठी आवाज
रिक्त पदों को लेकर उठते सवालों के बीच, अभ्यर्थी अब सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी आवाज उठा रहे हैं। ट्विटर, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर छात्रों ने सरकार से रिक्त पदों की सूचना सार्वजनिक करने और शीघ्र अधियाचन भेजने की मांग की है।निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती लंबे समय से अनिश्चितता का शिकार रही है। चयन आयोग और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय की कमी इसका मुख्य कारण बनती जा रही है। अब यह देखना होगा कि शासन इस मसले पर कितना जल्द संज्ञान लेता है और युवाओं के भविष्य को लेकर क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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